કોઈ નઝમ ૨૨
तिनका तिनका तूफान में बिखरते चले गये,
तनहायी की गहराईयो में उतरते चले गये,
उड़ते थे जिनके सहारे आसमांन में हम,
एक एक करके सब बिछड़ते चले गये।
तिनका तिनका तूफान में बिखरते चले गये,
तनहायी की गहराईयो में उतरते चले गये,
उड़ते थे जिनके सहारे आसमांन में हम,
एक एक करके सब बिछड़ते चले गये।
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