કોઈ નઝમ ૧૯
रुलाने को अपनी कहानी काफी है।
इश्क मे चार पल की जिंदगानी बाकी है।
डुबने के लिए समंदर की क्या ज़रूरत,
अपनी पलको से टपका वोह पानी ही काफी है
रुलाने को अपनी कहानी काफी है।
इश्क मे चार पल की जिंदगानी बाकी है।
डुबने के लिए समंदर की क्या ज़रूरत,
अपनी पलको से टपका वोह पानी ही काफी है
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